दत्तात्रेय जयंती पर होने वाले दो दिवसीय अनसूया मेले के अंतिम दिन आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। अनसूया माता मंदिर में 400 दंपतियों ने संतान की कामना के लिए अनुष्ठान किया और मां अनसूया से आशीर्वाद लेकर विदा हुए। साथ ही अन्य गांवों की देव डोलियां बहन अनसूया से विदा लेकर अपने-अपने मंदिरों की ओर रवाना हुईं।
मंगलवार रात को मंदिर के आचार्य डा. प्रदीप सेमवाल ने छह गांवों से पहुंची सभी डोलियों की पूजा-अर्चना की। इस दौरान मंदिर में पहुंचे भक्तों ने मां अनसूया को शृंगार सामग्री भेंट की। मंदिर में अर्घ्य लगाने के बाद सभी डोलियों को अनसूया मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया। इसके बाद मंदिर के मंडप में 400 दंपतियों ने संतान कामना को लेकर रात्रि जागरण किया।